हरियाणा। हिसार के सुमित द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में आज पीड़ित परिवार व दलित सामाजिक संगठनों ने सिविल अस्पताल से लेकर एडीजीपी कार्यालय हिसार तक सैकड़ो की संख्या में इक्कट्ठा होकर जुलूस निकाला जिसमें सरकार तथा पुलिस के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की गयी। दलितों के रोष प्रदर्शन को देखते हुए आईजी ऑफिस के सामने भारी पुलिस बल तैनात किया हुआ था, जैसे ही दलित संगठनों व पीड़ित परिजनों का जुलूस आईजी ऑफिस के सामने पहुंचा पुलिस ने दलित संगठनों को मुख्यमंत्री का पुतला फूकने से रोकने की भरसक कोशिश की परंतु दलित प्रदर्शकारियों ने एडीजीपी कार्यालय के सामने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पुतला फुकां।
नेशनल एलायंस फ़ॉर दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कलसन ने कहा की मृतक सुमित का शव पिछले सात दिनों से सिविल अस्पताल हिसार में रखा हुआ है तथा इस मामले में मौजूदा जांच अधिकारी द्वारा आज तक पीड़ित परिवार के किसी व्यक्ति के बतौर गवाह बयान दर्ज किए हैं ना ही उनसे कोई सबूत हासिल किया है जबकि पीड़ित परिवार के लोग सुमित की मौत में अहम सबूत दर्जनों ऑडियो रिकॉर्डिंग व इंस्टाग्राम की चैटिंग लिए घूम रहे हैं परंतु जांच अधिकारी द्वारा आज तक इन सबूतो को शामिल तफ्तीश नहीं किया और ना ही इस केस के मुख्य आरोपियों को जांच अधिकारी ने थाने या कार्यालय में बुलाकर उनसे पूछताछ की है।
कलसन ने कहा कि जांच अधिकारी की कार्यशाली से स्पष्ट है कि वह इस केस में भारी दबाव में है तथा उन्हें इस मामले में कोई कार्रवाई न करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर तीन दिन के अंदर जांच अधिकारी ने इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की तो इस मामले में पूरे हरियाणा का दलित समाज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के करनाल स्थित आवास का घेराव करेगा। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे दलित महापंचायत संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप भुक्कल ने कहा कि सुमित मर्डर केस में दलित सामाजिक संगठन एवं पीड़ित परिवार पिछले सात दिन से लगातार हिसार के सामान्य अस्पताल में पुलिस के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे है परन्तु पुलिस जानबूझकर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करना चाहती।
मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने के बाद दलित संगठनों के प्रतिनिधियों व पीड़ित परिजनों की कमेटी ने एडीजीपी श्रीकांत जाधव से मिले तथा उन्हें तफसील से सारे घटनाक्रम व सबूत के बारे में बताया तथा उन्हें घटना से जुड़ी ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनाई गई व इंस्टाग्राम की चैट्स दिखाई गई। इसके बाद एडीजीपी श्रीकांत यादव ने इस मामले में हिसर के आईपीएस अधिकारी एएसपी कुलदीप सिंह व बरवाला के थाना प्रभारी महेंद्र सिंह व हांसी के सहायक उप निरीक्षक जयपाल मेहरा व एक सीनियर महिला पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया तथा उसे निर्देश दिए गए हैं कि दो दिन के अंदर इस केस में महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठा करें सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज करें तथा दो दिन के अंदर इस केस में ठोस कदम उठाए।
पीड़ित परिवार व दलित संगठनों के लोग एडीजीपी श्रीकांत यादव की साथ हुई बातचीत से संतुष्ट नजर आए तथा उसके बाद वह वापस सरकारी अस्पताल हिसार स्थित धरना स्थल पर लौट गए हालांकि पीड़ित परिवार ने स्पष्ट किया कि जब तक इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो जाती वह सुमित के शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे इस धरने में पीड़ित परिवार नरेश कुमार, सुरेश कुमार, सविता काजल, प्रदीप भानखोड ,सतीश टंडन सुल्तान खटक, मुन्ना बाल्मिकी, नरेंद्र गर्ग, धर्मपाल, सरपंच प्रतिनिधि राजथल सत्यवान, रमन भुना, कुलदीप, रामबिलास, बिंटु, संतोष, रजनी, नीलम, मंजू, निशा, सुदेश, रामप्यारी, कविता बसाऊ, अमित, सुमन , सुनीता, नीलम, मीना, सुखदेव, रानी,रोहतास जोगिंद्र, कपिल, विजय आदि साथी उपस्थित रहे